मालदीव और यूएई में फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू, नौसेना ने अपने पोत जलाश्व, मगर और शार्दुल को ऑपरेशन में लगाया

मालदीव और यूएई में फंसे भारतीयों को वापस लाने का काम शुरू, नौसेना ने अपने पोत जलाश्व, मगर और शार्दुल को ऑपरेशन में लगाया
Credit: Danik Bhaskar
यह तस्वीर 3 मई को मुंबई के तट पर तैनात आईएनएस जलाश्व की है। इसने अनूठे अंदाज में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को धन्यवाद दिया था। अब इसे मालदीव में फंसे भारतीयों को लाने भेजा गया है।

नौसेना ने मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फंसे भारतीयों को वापस लाने का अभियान सोमवार देर रात शुरू कर दिया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार तड़के बताया कि मुंबई के तट पर तैनात आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर को मालदीव रवाना किया। वहीं आईएनएस शार्दुल को दुबई के लिए रवाना किया गया है। यह तीनों पोत कोरोना की वजह से भारतीयों को लेकर कोच्ची लौटेंगे। शार्दुल और मगर दक्षिणी नेवल कमांड के पोत हैं। वहीं, लैडिंग प्लेटफॉर्म डॉक से लैस जलाश्व पूर्वी नेवल कमांड का पोत है।
आईएनएस जलाश्व में 1000 से अधिक लोगों को लाने की क्षमता है। ऐसे में ऐहतियात बरतते हुए लोग जाएं तो 700-800 भारतीय इससे लौट सकेंगे।शार्दुल और मगर से एक बार में 400 से 500 लोगों को लाया जा सकेगा।

नौसेना के 14 पोत रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तैयार


ऑपरेशन शुरू करने का फैसला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और विदेश मंत्रालय के बीच अंतिम योजना पर सहमति बनने के बाद किया गया। एक बार में ज्यादा लोगों को लाने की क्षमता की वजह से बचाव अभियान के लिए नौसेना के पोतों के इस्तेमाल का फैसला किया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए नौसेना ने ने अपने 14 पोतों को तैयार रखा है। नौसेना के वाइस चीफ एडमिरल जी अशोक कुमार के मुताबिक, ऑपरेशन में पश्चिमी नेवल कमांड के 4 जहाजों, पूर्वी नेवल कमांड के 4, दक्षिणी कमांड के 3 और अंडमान निकोबार कमांड के 3 पोत लगाए जाएंगे।

संक्रमण से बचाने का पूरा ध्यान रखा जाएगा

इस दौरान संक्रमण नहीं फैले इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए सख्त स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेड्योर तैयार किया गया है। नौसेनिकों को पोतों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और दूसरे ऐतियात बरतने की पूरी प्रकिया समझाई गई है। क्रू के सदस्यों को लाए जाने वाले लोगों से मिलने की अनुमति नहीं होगी। सेलिंग के लिए भी सिर्फ जरूरी क्रू मेम्बर्स जहाज पर होंगे। अगर कोई पॉजिटिव होता है तो उसे जहाज पर ही आइसोलेट करने की भी सुविधा होगी। जहाज पर चढ़ने से पहले और भारत लौटने के बाद सभी यात्रियों की जरूरी स्क्रीनिंग की जाएगी।

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